मौन वाले लोग बड़ी सफलता हासिल करते हैं और बोलने वाले नुकसान
मौन रहना वास्तव में एक कला है
मौन रहना वास्तव में एक कला है। यह एक ध्यान और आत्म-साधना का माध्यम हो सकता है, जिसे अनेक संस्कृति और धार्मिक प्रथाओं में महत्वपूर्ण माना जाता है। मौन रहने का मतलब है कि बोलने की सीमा को छोड़कर, व्यक्ति अपने मन को शांत करता है और इंद्रियों को नियंत्रित करता है।
मौन रहने का अभ्यास ध्यान की एक रूप है जो अधिकारियों, साधकों, और महात्माओं द्वारा उपयोगिता प्राप्त किया गया है। यह अभ्यास वैदिक परंपरा में भी महत्वपूर्ण रहा है, जहां योगी और मुनियों ने इसे अपने ध्यान और साधना के भाग के रूप में अपनाया है।
मौन रहने के दौरान, व्यक्ति अपनी अन्तर्दृष्टि को विकसित कर सकता है, जो उसे अपने सामर्थ्यों, सीमाओं, और सांसारिक बंधनों की समझ में मदद करती है। यह उसे अपने मन की गहराईयों में समाहित होने की क्षमता प्रदान करता है और उसे स्वयं के और बाहरी दुनिया के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करता है।
इसलिए, मौन रहना एक कला है जो व्यक्ति को आंतरिक संवेदनशीलता, शांति, और स्वयं के साथ संपर्क का एक नया दरवाजा खोल सकती है। यह उसे अपनी भावनाओं, विचारों, और आंतरिक ज्ञान के साथ गहराई से जुड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
मौन रहने के विभिन्न लाभ हो सकते हैं, जैसे कि:
1. मौन रहने से ध्यान की वृद्धि: मौन रहना ध्यान को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। जब हम बोलना बंद करते हैं, तो मन शांत हो जाता है और ध्यान केंद्रित होने में आसानी होती है।
2. मौन रहने से अंतरंग जागरूकता: मौन रहना अंतरंग जागरूकता को प्रोत्साहित कर सकता है। यह हमें अपने अंतर्मन की गहराईयों को समझने और स्वयं को समझने की अनुमति देता है।
3. मौन रहने से स्वास्थ्य के लाभ: मौन रहने से तनाव कम होता है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है। यह हृदय की गतिशीलता को कम करता है और शरीर को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
4. मौन रहने से वाणी की शुद्धि
5. मौन रहने से समझदार व्यक्ति की पहचान.
6. अधूरी जानकारी हो तो मौन रहें
7. जब कोई व्यक्ति अपनी परेशानी आपसे कह रहा हो मौन रहे
8. मन को शांति मिलती है और शक्ति बढ़ती है।
9.घरेलू लड़ाई-झगड़े बिल्कुल खत्म हो जाते हैं और अपने आप पर काबू पाने की शक्ति बढ़ती है।
ज्यादा बोलने के नुकसान हैं?
1. ज्यादा बोलने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ज्यादा बोलने से इंसान दूसरे के सामने स्वयं को कभी भी छोटा नहीं समझने देता
2. जब हम अधिक बोलते हैं, तो हमारे सुनने की क्षमता कम हो जाती है. हम अपने आसपास के लोगों के विचारों, अनुभवों और ज्ञान को सुनने की अवस्था से दूर हो जाते हैं, जिसके परिणाम स्वरुप हम बिना विचारे व्यर्थ की बात करते है।
3.जब ये लोग अधिक बोलते है तो श्वसन अधिक गती से होता है.तो दिमाग मे ओक्सीजन की कमी होती है.
4. अधिक बोलने वाला आदमी प्रभावी बात नही करता.
5. अधिक बोलने वाला आदमी पास गंभीरता कम होती है.
6. अधिक बोलने वाले आदमी समाज में बकवास करने वाले संबोधन से पुकारे जाते हैं
7. अधिक बोलने वाले आदमी समाज में अपनी कमजोरियां जग जाहिर करता रहता है